मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

ज्ञानमार्ग से सम्बंधित जानकारी

ज्ञानमार्ग के आधारभूत सिद्धांत

नमश्कार, मेरा मार्ग ज्ञानमार्ग है इसलिए मैं यहाँ पर ज्ञानमार्ग से सम्बंधित थोड़ी सी जानकारी देने का प्रयास कर रहा हूँ।इस लेख में सबसे पहला सवाल ये है की ज्ञानमार्ग होता क्या है ? ज्ञानमार्ग की परिभाषा है कि ऐसा मार्ग जिस पर चलकर अज्ञान का नाश होता है ज्ञानमार्ग कहलाता है। अज्ञान का नाश इस मार्ग पर अपरोक्ष अनुभव व तर्क के द्वारा होता है। इसलिए कह सकते हैं कि ज्ञानमार्ग वह मार्ग है जो जीवन के आधारभूत प्रशनो का सीधा उत्तर बोध के माध्यम से देता है। 

सभी लोगों का ये अनुभव होगा की अज्ञान दुखों का कारण है और ज्ञानमार्ग का लक्ष्य ही अज्ञान का नाश है। इस मार्ग पर चलकर साधक को न केवल उसके प्रश्नों के उत्तर मिलते हैं बल्कि वह इस जीवन की पूरी लीला को भी जान जाता है।ज्ञानमार्ग में कोई साधना नहीं है केवल सुन्ना, सुने हुए वाक्यों पर मनन करना और फिर इसे जीवन में उतारना यही काम करना होता है। ज्ञानमार्ग बिलकुल सीधा मार्ग है, इस मार्ग पर केवल बुद्धि का उपयोग करना है फिर बुद्धि के भी पार चले जाना है। ये मार्ग अनुभव आधारित है और सीधा मुक्ति तक पहुँचाता है ये सब इस मार्ग की विशेषताएँ हैं।

ज्ञान की परिभाषा

ज्ञान एक चित्तवृत्ति है जो वर्तमान समय में हो रहे अनुभवों के बीच तार्किक संबन्ध जोड़ने का कार्य करती है, ये संबन्ध पूर्व में लिए गए अनुभवों,स्मृति,संस्कारों और अनुमानों के आधार पर चित्त स्वतः ही स्थापित करता है।  
इसके आलावा अनुभवों का संयोजन और व्यवस्थापन ज्ञान कहलाता है। सरल शब्दों में कह सकते हैं कि एक अनुभव का दूसरे अनुभव के साथ तार्किक सम्बन्ध बनाना ही ज्ञान है। चित्त में ज्ञान लगातार संचित हो रहा है जिसकी स्मृति लगातार बन रही है और ये नई स्मृति आगे होने वाले अनुभवों का आधार बनती जा रही है अतः कह सकते हैं की ज्ञान ही ज्ञान को धक्का मार कर आगे और आगे ले जा रहा है।अनुभव लगातार चलने वाली प्रक्रिया है इसलिए इनका संयोजन और व्यवस्थापन भी लगातार चित्त में चलता है इसलिए ज्ञान भी कभी रुकता नहीं जहाँ अनुभव हैं वहाँ ज्ञान भी साथ-साथ है।  ये प्रक्रिया अपने आप हो रही है इसलिए इसका प्रारम्भ और अंत नहीं खोजा जा सकता। जब तक जीवन है इस प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता।   
सूचना  ज्ञान नहीं होतीं   - अलबर्ट आइंस्टीन 

ज्ञान की उपयोगिता 

ज्ञान जीव की उत्तरजीविता और विकासक्रम  के  लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि खाना-पानी कहाँ से मिलेगा, दुश्मन से बचाव कैसे करना है, विश्राम कहाँ करना है, दूसरे जीवों से व्यवहार आदि बिना ज्ञान के नहीं हो सकता। इसलिए कहा जा सकता है कि ज्ञान साँस लेने से भी ज्यादा आवश्यक है जीव के लिए। ज्ञान बिना जीवन संभव नहीं है। ज्ञान की उपयोगिता के बारे में  विभिन्न गुरुओं ने  क्या कहा है देखते हैं। 


दुनिया में केवल एक ही चीज अच्छी है, ज्ञान, और केवल एक ही चीज बुरी है वो है अज्ञान -सुकरात

ज्ञान की अग्नि सुलगते ही कर्म भस्म हो जाते हैं। -शंकराचार्य

जिसने आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया है, उस पर काम और लोभ का विष नहीं चढ़ता।-रामकृष्ण परमहंस

ज्ञानी कौन है ? वह जो अपने ज्ञान का उपयोग करता है। -हजरत मोहम्मद

अगर आप पाना चाहते है तो पहले देना सीखो, यही ज्ञान की शुरुआत है।- लाओत्सु

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